हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,औरत का अगर परिवार में सम्मान व इज़्ज़त हो तो समाज की मुश्किलों का बहुत बड़ा हिस्सा हल हो जाता हैं हमें ऐसा करना चाहिए कि बच्चे माँ के हाथों को ज़रूर चूमें, इस्लाम इसी तरह का माहौल चाहता हैं।
जैसा कि धार्मिक व नैतिक मूल्यों के पाबंद परिवारों में ये ख़ूबियां नज़र आती हैं। परिवार में बेटे बेटियों को अपनी माँ के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।
माँ के संबंध में जो बेतकल्लुफ़ी और जज़्बाती अपनाइयत पायी जाती है, उसमें और सम्मान में कोई विरोधाभास नहीं है। यह सम्मान घरों में होना ही चाहिए, परिवार में औरत का सम्मान होना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई,